कौन चाहता है यहाँ
कौन दीखता है यहाँ
कौन रुकता है यहाँ
आते और जाते लोग यहाँ
ऐसे दीवानों की बस्ती और कहाँ ?????
कुछ पाने की होड़ में
सब रिश्तों की जोड़ में
मन की जोड़-तोड़ में
मिल जाते हैं लोग यहाँ
ऐसे अरमानों की बस्ती और कहाँ ?????
ख़ुद को आगे बढ़ाने के लिए
अपने किए गुनाहों को छिपाने के लिए
हर किसी को छलने के लिए
होते हैं तैयार लोग यहाँ
ऐसे बेईमानों की बस्ती और कहाँ ??????
चुप है जुबान बुराई से डरकर
झुका है सर सच्चाई को छोड़कर
शर्मसार है इंसानियत अपना वजूद जानकर
रहते है ऐसे लोग यहाँ
ऐसे इंसानों की बस्ती और कहाँ ??????
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