सोमवार, 28 मार्च 2011


ये देश का भविष्य है,

कुछ ढूँढ़ रहा है कूड़े के बीच,

शायद शाम की रोटी को।

कितने कमाल की बात है न!

हमारा फेंका गया कचरा भी,

कई घरों में चूल्हा जलाता है।

वैसे भी हम भारतीयों का,

दान धर्म से पुराना नाता है।

मेरी मानिए,

तो एक काम कीजिए,

वो दानवीरता की हद होगी।

जितना ज्यादा हो सके,

कचरा फेंकते जाइये,

इन भूखे बच्चों की उससे,

काफी मदद होगी।

वैसे हमारी सरकार भी,

इस दिशा में काफी सजग है।

कचरा टाइप खाना,

सरकारी स्कूलों में,

आसानी से उपलब्ध है।

गरीबों को अब और,

आप कितना नोचियेगा।

ये भी अपने ही देश के बच्चे हैं,

कभी इनके बारे में भी,

‘सोचिएगा’।

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