शुक्रवार, 21 जनवरी 2011

तुम जो मिल जाते...

अचानक याद आ गयी तुम्हारी,


जब देखा एक बिलकुल तुम जैसी,

हाँ, बिलकुल तुम जैसी को.

वो भी तुम्हारी तरह ही मुस्कुरा रही थी,

ठिठक गया मैं भी एक पल को,

...जैसे लगा कि तुम वापस आ गयी हो,

फिर देखा कि वो तुम नहीं कोई और है,

और ये मेरी जिंदगी का दूसरा दौर है....

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